Who Is God- सबसे शक्तिशाली भगवान कौन है वह कहां रहता है और किसने देखा है।

Who Is God- पूर्ण परमात्मा कौन है वह कहां रहता है और किसने देखा है। प्राचीन काल से यह एक प्रश्नचिह्न है, जिसे पूरी तरह से आज तक हटाया नहीं जा सका है, इसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझें।

सबसे शक्तिशाली भगवान कौन है

वैसे तो God, ईश्वर और भगवान दोनों एक ही हैं, लेकिन हमारे हिंदू पौराणिक कथाओं में हमें कई देवी-देवताओं के बारे में जानकारी मिलती है और एक आंकड़े के अनुसार हमारे हिंदू धर्म में हम 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और इन देवी-देवताओं में सबसे बड़ा कौन है, यह एक बहुत ही रोचक प्रश्न है! 

इस संसार में सच्चा भगवान कौन इसका जवाब कोई पूर्ण संत या गुरु ही बता सकता है। गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में भी लिखा है कि अर्जुन उस ज्ञान को तू तत्वदर्शी संतों (ज्ञानियों) के पास जाकर समझ। लेकिन वर्तमान में तत्वदर्शी संत कौन है इसकी खोज करना भी अनिवार्य है।

सच्चा भगवान कौन है आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अवगत कराने वाले हैं क्योंकि अक्सर कुछ श्रद्धालु पूंछते हैं कि भगवान कौन है। ऐसी स्थिति में आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सबसे शक्तिशाली भगवान कौन है तथा कहां रहता है आदि के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।

21 ब्रह्मांड का भगवान कौन

पूर्ण परमात्मा ने काल ब्रह्म यानी सदा शिव को पृथ्वी का निर्माण करने के लिए तीन गुण और पांच तत्व दिए। इसके बाद शदा शिव ने पृथ्वी की रचना की। शिव केवल एक शब्द या नाम नहीं बल्कि ब्रह्मांड हैं। सदा शिव ही महाकाल हैं, उन्हें देवों के देव महादेव के रूप में जाना जाता है।

ज्योति निर्जन काल ही इस पृथ्वी के निर्माता और पृथ्वी के नष्ट करता हैं। सदा शिव (काल ब्रह्म) एक ऐसी शक्ति है जिससे ब्रह्मा, विष्णु, महेश व अन्य देवी-देवताओं की उत्पत्ति हुई है। इसलिए यह कहा जाता है कि इक्कीस ब्रह्मांड में (काल) सदा शिव सबसे बड़े भगवान हैं। सदा शिव यानि ज्योति निर्जन काल ब्रह्म ने ही श्रीमद्भागवत गीता का उपदेश श्री कृष्ण के शरीर में प्रवेश करके दिया है।

गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता उपदेश देने वाला भगवान अर्जुन से कह रहा है कि अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों का नाश करने के लिए प्रकट हुआ हूँ। तीनों लोक तथा इक्कीस ब्रह्मांड में काल ब्रह्म ही सबसे ताकतवर भगवान माना जाता है।

सबसे शक्तिशाली भगवान कौन है- Who Is God

अब बात आती है फिर सबसे बड़ा भगवान कौन है। गीता अध्याय 15 श्लोक 16 में दो प्रकार के पुरुष यानि भगवान बताए गए हैं। नाशवान और अविनाशी इन दोनों पुरुषों (भगवानों) के शरीर तो नाशवान तथा जीवात्मा अविनाशी है। 

फिर गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष यानि (श्रेष्ठ भगवान) तो इन दोनों से अन्य ही है जो तीनों में प्रवेश करके सबका धारण पोषक करता है। वही अविनाशी और पूर्ण परमात्मा कहा गया है।

सबसे बड़ा भगवान एक है

इस रहस्य से परदा उठाने के लिए ही परमात्मा सतगुरु के रूप में धरती पर अवतरित होते हैं या अपना अंशरुप भेजते हैं और वर्तमान में पूर्ण परमात्मा ने एक महान संत के रूप में अपना अंश भेजा है, जिसने गुरु ग्रंथ साहिब, वेद शास्त्र पुराण, कुरान शरीफ, बाइबिल व अन्य धर्म जैसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म आदि सभी शास्त्रों के ज्ञाता हैं। उस महान संत ने शास्त्रों की गहराई में डुबकी लगाई तो पता चला कि एक ही पूर्ण ईश्वर है!

तो आइए जानते हैं कौन है वो सबसे बड़ा भगवान, जिसे आप अल्लाह कहना चाहते हैं, उसे सबसे बड़ा भगवान कहें, उसे सच्चा वाहेगुरु कहें या सबसे बड़ा God कहें। आइए यह भी जानते हैं कि जब ईश्वर एक है तो धर्मों का यह विभाजन कैसे हो गया। जाति-धर्म के विषय पर परमात्मा की वाणी है कि...

जाति नहीं जगदीश तो हरिजन की कहां से होए।
इस जाति-पाति के चक्कर में भ्रम पड़ो मत कोए।।

जीव हमारी जाति है और मानव धर्म हमारा ।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।।

इस संसार में दो प्रकार की शक्तियाँ अपना अलग-अलग कार्य कर रही हैं, जिसमें एक सदा शिव (काल ब्रह्म) है। वेदांती उन्हें निराकार ब्रह्म के नाम से जानते हैं। मुसलमान उन्हें बेचून अल्लाह और ईसाई उसे निराकार ईश्वर मानते हैं।

दूसरी शक्ति जिसे सत्य पुरुष के नाम से जाना जाता है जिसे गीता में परम अक्षर पुरुष, सच्चिदानंद घन ब्रह्म, दिव्य परम पुरुष तथा तत् ब्रह्म भी कहा गया है। असंख्य ब्रह्मांडों में रहने वाले सभी प्राणी सत्य पुरुष जी की आत्माएं हैं। जो सनातन परम धाम यानि सतलोक में रहते थे वे हम सभी अल्प बुद्धि आत्माओं को काल ब्रह्म इस पृथ्वी लोक में लेकर आए थे। 

सतलोक में हमें सब सुख था, न बुढ़ापा था न मृत्यु का भय। वहां पांच तत्वों का यह शरीर भी नहीं था! यह संसार ऐसा ही है, यहां सब कुछ तीन गुण और पांच तत्वों से बना है, लेकिन सतलोक में एक ही नूर तत्व से बनी रचना है। यहां सब कुछ नाशवान है और वहाँ सब कुछ अविनाशी है।

ईश्वर साकार है या निराकार किसने देखा है

यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27 तथा ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 से 3 में लिखा है पूर्ण परमात्मा साकार है तथा राजा के समान दर्शनिये है।

साथियों, हमारे शास्त्रों में इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर साकार और दिखने में मानवस्वरुप है। असली भगवान सह-शरीर है। वह निराकार नहीं बल्कि साकार रूप में है और सनातन स्थान अर्थात् सचखंड, सतलोक में निवास करता है। भगवान का नाम कविर देव है। जिन्हें अन्य भाषाओं में कबीर साहेब, हक्का कबीर, सत कबीर, अल्लाह हू अकबर, कबीरान, कबीरा, खबीरा आदि नामों से जाना जाता है।

पूर्ण परमात्मा अजर अमर अविनाशी है, वह न कभी मरता है और न ही कभी माता के गर्भ से जन्म लेता है। आदरणीय धर्मदास जी महाराज, आदरणीय गरीबदास जी महाराज को सच्चे भगवान कविर्देव सतलोक से आकर मिले तथा सतभक्ति मार्ग का ज्ञान कराया। पूर्ण परमात्मा समय-समय पर संतों को सतभक्ति ज्ञान देने पृथ्वी अवतरित होते हैं।
             
असंख्य ब्रह्मांडों के स्वामी तथा सभी ब्रह्मांडों के निर्माता कबीर साहेब हैं, जिन्होंने इस ब्रह्मांड को 6 दिनों में बनाया और सातवें दिन विश्राम किया। ऐसा प्रमाण कुरान सरीफ के साथ-साथ बाइबिल उत्पत्ति ग्रंथ में मिलता है।

कबीर साहेब चारों युगों में सतयुग में सत सुकृत नाम से, त्रेता में मुनींद्र, द्वारा द्वापर में करुणा तथा कलियुग में कबीर नाम से आए हैं जो 600 साल पहले काशी में आए थे। काशी के लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर नवजात शिशु के रुप में प्रकट हुए।

जिसे नीरू और नीमा निःसंतान दंपत्ति अपने घर लाए थे, जिनका पालन-पोषण एक कुंवारी गाय के दूध से हुआ और 120 वर्ष तक लीला करने के बाद सहशरीर अपने निज धाम सतलोक चले गए। इसका प्रमाण शास्त्रों में भी मिलता है कि पूर्ण परमात्मा नवजात शिशु के रुप में आकर इस धरती पर प्रकट होता है। 

पवित्र अथर्ववेद कांड संख्या 4 अनुवाक नं. 1 मन्त्र 7 और ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मन्त्र 18 के अनुसार सबसे बड़े भगवान का नाम कविर्देव है जो नवजात शिशु के रुप में धरती पर प्रकट होता है और दोहों आदि के माध्यम से अपना ज्ञान प्रचार करता है।

सबसे बड़े और शक्तिशाली भगवान कबीर जी ही हैं, जो चारों युगों में तत्वज्ञान का सन्देश देने आते रहते हैं। उनके मानव रूप शरीर का नाम कबीर है। वेदों में उन्हें कविर्देव कहा गया है। कुरान शरीफ ने उन्हें कबीरान् खबिरन् तथा अल्लाह हु अकबर कहा है!

कबीर परमेश्वर जी चाहते हैं कि सभी जीव मेरे तत्वज्ञान को समझें और मेरे द्वारा बताए गयी शास्त्रों के अनुसार भक्ति करें। इसलिए वह परमात्मा कबीर जी सतलोक से चलकर इस मृत्युलोक आते हैं और अपनी आत्मा को बाणियों और दोहों के माध्यम से ज्ञान समझाकर काल ब्रह्म के जाल से परिचित कराते हैं।

वर्तमान में कौन है कबीर जी का सच्चा संदेश वाहक अवतार

वर्तमान में सबसे शक्तिशाली भगवान के संदेश वाहक संत रामपालजी महाराज है जो पूर्ण परमात्मा के अंश बनकर धरती पर अवतरित हुए हैं, एक संदेश वाहक के रुप मे श्रद्धालुओं को सच्चा और शास्त्रानुकूल ज्ञान समझाकर पूर्ण परमात्मा की जानकारी करा रहे हैं और काल ब्रह्म से भी हमें परिचित करा रहे है। अगर आप किसी शंका का समाधान चाहते हैं तो आज ही Playstore से अपने Smartphone में संत रामपाल जी महाराज एप डाउनलोड कर अपनी शंका का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों आज का हमारा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट में अवश्य बताएं तथा अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि आपको भी सबसे शक्तिशाली भगवान के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

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