कमजोर बच्चों को हेल्दी बनाने के लिए क्या खिलाए. जाने Baccho को हेल्थी बनाने के उपाय

Baccho Ki Kamjori Kaise Dur Kare: अक्सर बच्चे तो खाने-पीने में लापरवाह होते ही लेकिन कुछ मां-बाप भी बच्चों के खान-पान को लेकर लापरवाही बरतते हैं। जिसके चलते छोटे बच्चे अक्सर कमजोर और दुबले-पतले हो जाते हैं। 


Baccho Ki Kamjori Kaise Dur Kare

अगर आपका बच्चा भी दुबला-पतला और कमजोर है तो उसके खान-पान का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है, क्योंकि बच्चे आमतौर पर खाने-पीने के मामले में बहुत ही लापरवाह होते हैं। इस लापरवाही का सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है। 

ऐसे में कुछ लोग पूछते हैं कि कमजोर बच्चों को हेल्दी बनाने के लिए क्या खिलाए. दोस्तों ऐसे में बच्चों के खान-पान का खास ख्याल रखना बच्चों के माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है। जिससे वह स्वस्थ और निरोगी रहे।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपका बच्चा कमजोर और दुबला-पतला है तो आप छोटे बच्चों की डाइट में देसी घी, बादाम वाला दूध और मक्खन के साथ-साथ हरी सब्जियां व अन्य प्रोटीन युक्त चीजें जरूर शामिल करें। विशेषज्ञों का कहना है कि दालें प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत मानी जाती हैं। 

दाल के पानी में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जो बच्चों की सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, तो आइए इस लेख में जानते हैं, Baccho को हेल्थी बनाने के आसान उपाय और कमजोर बच्चों को हेल्दी बनाने के लिए क्या खिलाए।


कमजोर बच्चों को हेल्दी बनाने के लिए क्या खिलाए | Baccho Ki Kamjori Kaise Dur Kare

दुबले-पतले बच्‍चों को नाश्‍ते में आंवला जरूर खिलाना चाहिए। यह बच्‍चों की इम्‍यूनिटी को भी बढ़ाता है और इंफेक्‍शन से बचाने का काम करता है। पनीर में उच्‍च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और ये कैल्शियम से भी युक्‍त होता है। बच्‍चे को पनीर खिलाने से उसकी हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं।

आप बच्चे को घी डालकर खिचड़ी के साथ-साथ दाल या सूप खिला सकती हैं. बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए आपको रागी को डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। रागी में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और अन्य विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। रागी खाने से बच्चे का वजन भी बढ़ेगा और वह स्वस्थ भी रहेगा।


दूध में केसर और बादाम

केसर और बादाम वाला दूध खाली पेट पीना बहुत अच्छा होता है। केसर बच्चों के पाचन में सुधार करता है और दूध में केसर और बादाम लेने से बच्चों की पाचन क्रिया ठीक रहती है। अगर पाचन क्रिया अच्छी होगी तो बच्चा अच्छा खाएगा और स्वस्थ बनेगा।

केसर सांस की नली को साफ करता है जिससे अस्थमा से पीड़ित बच्चों को सांस लेने में दिक्कत कम होती है। केसर और बादाम बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों को स्वस्थ बनाता है।


च्यवनप्राश खिलाएं

इसके सेवन से पाचन क्रिया ठीक रहेगी। बच्चों की कब्ज दूर करने के लिए एक चम्मच च्यवनप्राश को गुनगुने पानी के साथ खिलाएं। इसके अलावा च्यवनप्राश में मौजूद जरूरी पोषक तत्व याददाश्त को तेज करते हैं। च्यवनप्राश के नियमित सेवन से बच्चों में मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है। आप चाहें तो झंडू च्यवनप्राश आनलाइन घर बैठे मंगवा सकते हैं।


शहद और लौंग का मिश्रण

बच्चों को शहद और लौंग का मिश्रण खिलाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शहद और लौंग में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। इसके अलावा, शहद और लौंग में कई जीवाणुरोधी और एंटी-फंगल गुण होते हैं। अगर बच्चे को कब्ज की समस्या है तो शहद को चाटने से यह दूर होता है। बच्चों में पेट की कई तरह की समस्याएं जैसे दस्त और कब्ज भी शहद से दूर होती है।

बच्चों को शहद कब पिलाना चाहिए? आम तौर पर 1 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को शहद और लौंग के मिश्रण को चाटना चाहिए। दरअसल, एक साल बाद बच्चों को शहद देने से स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं होती और बच्चे भी खाने का स्वाद समझने लगते हैं।


गाय का घी 

देसी घी विटामिन और मिनरल का बहुत अच्छा स्रोत है। इससे बच्चे के विकास में काफी मदद मिल सकती है। बच्चों को एक साल की उम्र तक नमक नहीं खिलाना चाहिए, इसलिए उनके ठोस भोजन में स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए घी मिलाया जा सकता है।

9 महीने से ऊपर के बच्चों के आहार में घी को शामिल किया जा सकता है। इसे दाल और चावल की खिचड़ी में गाय के घी की कुछ बूंदों को मिलाकर शुरू किया जा सकता है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है आप घी की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ा सकती हैं। हालांकि, बच्चे को एक दिन में एक चम्मच से ज्यादा घी नहीं खिलाना चाहिए। आजकल गाय का शुद्ध देसी घी ऑनलाइन उपलब्ध है।


मक्खन खिलाएं

बच्चों को प्रतिदिन बहुत अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है और उन्हें यह आवश्यक कैलोरी मक्खन से प्राप्त होती है जो उन्हें ऊर्जा प्रदान करती है। मक्खन में भरपूर मात्रा में स्वस्थ संतृप्त वसा होता है जो शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाने में मदद करता है।

मक्खन फैटी एसिड का एक स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और जठरांत्र संबंधी मार्ग को स्वस्थ रखता है। घर का बना मक्खन बच्चों में पेट के संक्रमण को रोकता है और पाचन में सुधार करता है। इसलिए छोटे बच्चों की डाइट में मक्खन को शामिल जरुर करें।


किशमिश 

किशमिश में फॉस्फोरस के साथ-साथ कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है. बच्चों को किशमिश खिलाने से शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को पोषण मिलता है और याददाश्त तेज होती है. इसके अलावा किशमिश में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है.

किशमिश को रात में भिगो कर रख दें और सुबह उठकर इसका सेवन करें। बच्चों में ज्यादातर देखने में आता है कि वे बार-बार बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में यदि वे दिन में 5 से 6 किशमिश का सेवन रोज कर लें तो उनका शरीर स्वस्थ रहने के साथ उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाएगी।


काजू खिलाएं

काजू खाने से बच्चे को विटामिन ई की मात्रा मिलती है। विटामिन ई बालों और त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है इसलिए बच्चे की त्वचा और बालों में निखार लाने के लिए काजू खिला सकते हैं। काजू खाने से बच्चा अधिक सक्रिय रहता है और उसमें ऊर्जावान बना रहता है।

रोजाना काजू खाने से हड्डियों, बालों, त्वचा, मधुमेह और वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। बच्चों को भी काजू खिलाएं। सर्दियों में बच्चों को मेवे भरपूर मात्रा में खिलाना चाहिए। काजू एक सूखे मेवे में से एक है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को बहुत पसंद आता है।


खजूर दें

खजूर बच्चों की आंखों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए खजूर में मौजूद विटामिन ए बहुत उपयोगी होता है। दिमाग के विकास के लिए खजूर का सेवन एक अच्छा विकल्प है। यह बच्चों में स्मृति गड़बड़ी, तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और अल्जाइमर की समस्या से भी दूर रखने में मदद करता है।

आप बच्चे को खजूर को मसल कर या भाप देकर खिलाएं। खजूर को उबालने के बाद न खिलाएं क्योंकि इससे खजूर के पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं। बच्चे को कच्चा खजूर तभी दें जब उसके दांत अंदर आ जाएं और वह चबाने लगे। प्यूरी बनाकर ही बच्चे को खजूर दें।


बोर्नविटा हेल्‍थ ड्रिंक्‍स

बच्चों के लिए बॉर्नविटा के फायदे बहुत फायदेमंद होते हैं, जिससे आप बच्चे को जरूरी पोषक तत्व और कैलोरी प्रदान कर सकते हैं और आपको उसे ठोस आहार खाने के लिए मजबूर करने की भी जरूरत नहीं है। चूंकि वे विटामिन सी और कैल्शियम से भरपूर होते हैं, इसलिए बोर्नविटा हेल्‍थ ड्रिंक्‍स बच्चे के दांतों को मजबूत करने और उसकी प्रतिरक्षा को मजबूत करने और उसे बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।


दाल खिलाएं

शिशु के इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करने के लिए आप बच्‍चे की डायट में दाल शामिल कर सकते हैं। दालों में जिंक भी होता है जो इम्‍यूनिटी में सुधार लाता है। दालों में प्रचुर मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो कि कब्‍ज के खतरे को कम करता है। 

दाल खाने से शरीर में विषाक्‍त पदार्थ कम रहते हैं। बच्चों के लिए लाल मसूर की दाल बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। मसूर की दाल चिकनी होती है और जल्दी से तैयार हो जाती है।


रंग-बिरंगी सब्जियां खिलाएं

बच्चे रंगों की ओर बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैं, इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप बच्चों के खाने में रंग-बिरंगी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इन सब्जियों को आप अलग-अलग दिनों में अलग-अलग शेप में काट कर भी बना सकते हैं. इससे बच्चे का उस सब्जी के प्रति आकर्षण बना रहेगा और वह उसे चाव से खाएगा।

खाना बनाने के बाद उसे परोसने के लिए कुछ समय दें। हो सकता है कि आपके द्वारा बनाया गया सलाद बच्चे को देखने में अच्छा लगे और वह इसे खाने की इच्छा दिखाएगा। पनीर या पनीर को अपने खाने में शामिल करें, जो ज्यादातर बच्चों को पसंद होता है। ऐसा करने से आपके लिए बच्चों को सब्जियां खिलाना आसान हो जाएगा।

Note: इस इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है कृपया इन उपायों को आजमाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।

दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल कमजोर बच्चों को हेल्दी बनाने के लिए क्या खिलाए कैसा लगा कमेंट में अवश्य बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि आपको भी भगवान ने मनुष्य को कैसे बनाया आदि के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।



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